राणा हम्मीर (1326 – 1364 ई.) || Rana hammir
- – राणा हम्मीर सिसोदा गाँव का निवासी था।
- – उसके पिता अरि सिंह और दादा लक्ष्मण सिंह थे।
- – यह राणा शाखा अथवा सिसोदिया शाखा का प्रथम शासक था। इसने राणा की उपाधि धारण की।
- – सिसोदा ठिकाने के जागीरदार हम्मीर ने 1326 ई. में सोनगरा को हराकर चित्तौड़ पर अधिकार कर लिया तथा गुहिल वंश की पुन: स्थापना की।
- – सिसोदा का जागीरदार होने के कारण इनको सिसोदिया कहा गया है तथा गुहिल वंश सिसोदिया वंश के नाम से जाना जाने लगा।
- – हम्मीर राणा शाखा का राजपूत था, इसलिए इसके बाद मेवाड़ के सभी शासक राणा/महाराणा कहलाए।
- – हम्मीर को ‘मेवाड़ का उद्धारक’भी कहा जाता है ।
- – इसे ‘रसिक प्रिया’ नामक पुस्तक में ‘वीर राजा’ तथा कुंभलगढ़ प्रशस्ति में ‘विषमघाटी पंचानन’ कहा गया है।
- – उसने दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक को सिंगोली के युद्ध (बांसवाड़ा) में पराजित किया।
- – हम्मीर ने चित्तौड़ में अन्नपूर्णा माता (बरवड़ी माता) के मन्दिर का निर्माण करवाया।
- – बरवड़ी माता गुहिल वंश की ईष्ट देवी हैं तथा बाणमाता गुहिल वंश की कुल देवी हैं।