राणा अमर सिंह प्रथम (1597 – 1620 ई.)

Rana Amar singh

  • –  अमर सिंह, महाराणा प्रताप व रानी अजबदे पंवार का पुत्र था।
  • –  अकबर ने 1599 ई. में जहाँगीर के नेतृत्व में सेना भेजी, जिसे मेवाड़ की सेना ने उटाला नामक स्थान पर पराजित किया।
  • –  जहाँगीर के शासक बनते ही 1605 ई. में परवेज, आसिफ खाँ, जफर बेग एवं सगर के नेतृत्व में मेवाड़ को अधीन करने का प्रयास किया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली।
  • –  1608 ई. में जहाँगीर ने महावत खाँ को मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए भेजा, लेकिन वह भी असफल रहा।
  • –  1609 ई. में अब्दुल्ला, 1612 ई. में राजा बासू और 1613 ई. में मिर्जा अजीज कोका को मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए भेजा गया था, लेकिन यहाँ भी सफलता नहीं मिली।
  • –  1613 ई. में जहाँगीर स्वयं अजमेर आया तथा अपने पुत्र खुर्रम (शाहजहाँ) को मेवाड़ अभियान का नेतृत्व सौंपा।
  • –  5 फरवरी, 1615 ई. में मेवाड़ के अमर सिंह प्रथम व मुगल शासक जहाँगीर के बीच मुगलमेवाड़ संधि हुई। मेवाड़ की ओर से संधि का प्रस्ताव लेकर हरिदास एवं शुभकरण गये थे। इस संधि पर मुगलों की ओर से खुर्रम व मेवाड़ की ओर से अमर सिंह प्रथम ने हस्ताक्षर किए।
  • –  इस संधि की शर्तों के अनुसार मेवाड़ के युवराज कर्ण सिंह जहाँगीर के दरबार गया था। जहाँगीर ने इसे 5000 का मनसबदार बनाया ।
  • –  इस संधि के अनुसार मुगलों को मेवाड़ द्वारा 1000 घुड़सवार सैनिकों की सहायता प्रदान करना निश्चित हुआ। साथ ही मेवाड़ एवं मुगलों के बीच वैवाहिक सम्बंध स्थापित नहीं किया जाना तय हुआ।
  • –  इस संधि के उपरांत मेवाड़ में शांति व्यवस्था स्थापित हुई तथा इससे कलात्मक गतिविधयों को बढ़ावा मिला।
  • –  जहाँगीर द्वारा आगरे के किले में कर्ण सिंह एवं अमर सिंह की मूर्तियाँ स्थापित की गई।
  • –  अमर सिंह प्रथम का काल मेवाड़ स्कूल की चावण्ड चित्रकला शैली का स्वर्णकाल माना जाता है।
  • –  26 जनवरी, 1620 को उदयपुर के निकट आहड़ में अमर सिंह का स्वर्गवास हो गया था।
  • –  आहड़ (उदयपुर) की महासत्तियों में सबसे पहली छतरी अमर सिंह प्रथम की है।
  • –  आहड़ को मेवाड़ के महाराणाओं का शमशान भी कहते हैं।

READ MORE about  महाराणा अमर सिंह द्वितीय (1698 - 1710 ई.) || Maharana Amar singh Dvitiy

About the author

thenotesadda.in

Leave a Comment

Follow Me

Copyright © 2025. Created by Meks. Powered by WordPress.

You cannot copy content of this page