महाराणा रायमल (1473 – 1509 ई.) || Maharana Raymal
- – राणा रायमल का विवाह मारवाड़ के राव जोधा की पुत्री श्रृंगार देवी से हुआ। पृथ्वीराज, जयमल और सांगा उसके पुत्र थे। इसकी बेटी आनंदा बाई का विवाह सिरोही के जगमाल के साथ हुआ।
- – रायमल के पुत्र पृथ्वीराज का विवाह टोडा के राव सुरताण की पुत्री तारा के साथ हुआ। पृथ्वीराज ने तारा के नाम पर अजमेर के अजयमेरु दुर्ग का नाम ‘तारागढ़’ रखा। पृथ्वीराज को ‘उड़ना राजकुमार’ के नाम से भी जाना जाता है।
- – रायमल के दरबार में गोपाल भट्ट, महेश भट्ट जैसे विद्वान तथा अर्जुन जैसे प्रकाण्ड शिल्पी का निवास था।
- – रायमल ने चित्तौड़ में अद्भुतजी के मन्दिर का निर्माण करवाया था। इसने एकलिंग मन्दिर का वर्तमान स्वरूप बनवाया।
- – रायमल की पत्नी श्रृंगार देवी ने घोसुण्डी की बावड़ी (चित्तौड़) का निर्माण करवाया था।
- – रायमल ने खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राम, शंकर व समयासंकट नामक तालाबों का निर्माण करवाया था।
- – पृथ्वीराज की मृत्यु कुम्भलगढ़ दुर्ग में इसके बहनोई जगमाल के द्वारा विष दिए जाने से हुई। कुम्भलगढ़ दुर्ग में पृथ्वीराज की 12 खम्भों की छतरी है। इस छतरी का शिल्पी घषणपना था।
- – जयमल के दुर्व्यवहार के कारण सुरताण ने इसकी हत्या कर दी।
- – उत्तराधिकार के संघर्ष में पराजित होकर सांगा ने श्रीनगर (अजमेर) के करमचंद पंवार के पास शरण ली थी।