जयपुर ग्रामीण जिला दर्शन राजस्थान || jaipur gramin jila darshan

  • घोषणा:  17 मार्च 2023
  • मंत्रिमंडल मंजुरी:  4 अगस्त 2023
  • स्थापना दिवस: 7 अगस्त 2023
  • रामलुभाया समिति– समिति की सिफारिश पर नए जिलों का गठन किया गया है।

राजस्थान का नया जिला जयपुर ग्रामीण – जयपुर ग्रामीण जिले को जयपुर जिले से अलग करके बनाया गया है। जयपुर ग्रामीण जिले का निर्माण 18 तहसीलों को मिलाकर किया गया है।

जयपुर ग्रामीण जिले में 13 उपखंड बनाये गए है।

जयपुर ग्रामीण जिले का प्रशासनिक ढांचा

जिला नामजयपुर ग्रामीण
संभागजयपुर
तहसील18
उपखंड13
जिलों के साथ सीमासीकर , नीमकाथाना , कोटपूतली-बहरोड , अलवर , दोसा , टोंक , दूदू , अजमेर , डीडवाना – कुचामन , जयपुर शहर
जलवायुउपआर्द्र व आर्द्र जलवायु
मिट्टीजलोढ़ / कच्छारी
वनस्पतिपतझड़ी
प्रवाहित होने वाली नदीबाणगंगा, साबी, मेन्था

जयपुर ग्रामीण जिले में शामिल तहसील

क्र. सं.तहसील
1.शाहपुरा
2.चौमु
3.आमेर
4.आंधी
5.जामवा रामगढ़
6.जालसू
7रामपुरा डाबड़ी
8बस्सी
9तुंगा
10कोट खावदा
11चाकसू
12माधोराजपूरा
13सांगानेर
14कालवाड़
15जोबनेर
16सांभरलेक
17फुलेरा
18किशनगढ़ रेनवाल

जयपुर ग्रामीण जिले से सीमा बनाने जिले

जयपुर ग्रामीण सर्वाधिक 10 जिलों से सीमा बनाने वाला जिला है जिसमें सीकर, नीमकाथाना, कोटपूतली-बहरोड, अलवर, दोसा, टोंक, दूदू, अजमेर, डीडवाना-कुचामन, जयपुर शहर

जयपुर ग्रामीण जिले का ऐतिहासिक परिदृश्य

सांभरलेक – सर्वप्रथम यहां ऋषि अगस्त्य आए थे।

चाकसू – प्राचीन समय में चाकसू को चंपावती नाम से जाना जाता था।

किशनगढ़ रेनवाल – किशनगढ़ रेनवाल की कृष्ण सिंह ने किशनगढ़ के रूप में नीव रखी थी। रेनवाल में प्रारंभ में रैणी नामक महिला रहने के लिए आई थी, बाद में यहां आबादी बढ़ने के कारण रैणी की ढाणी के नाम से जाना जाने लगा।

जयपुर ग्रामीण जिले का भूगोल

जलवायु – उपआर्द्र व आर्द्र जलवायु

वनस्पति – पतझड़ी

मिट्टी – जलोढ़ / कच्छारी

जमवारामगढ़ अभ्यारण्य – यहां पर सर्वाधिक धौक वन पाए जाते हैं।

संजय उद्यान मृगवन – यह वन शाहपुरा में स्थित है।

कालाडेरा – कालाडेरा से काले ग्रेनाइट का उत्पादन किया जाता है।

लोह अयस्क क्षेत्र – मोरिंजा, बानोला ,चोमू, चिप्लाटा से लोह अयस्क का उत्पादन किया जाता है।

सांभर झील – बिजोलिया शिलालेख के अनुसार इस झील का निर्माण वासुदेव चौहान द्वारा किया गया है। सांभर झील राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, जहां से राजस्थान का सर्वाधिक नमक उत्पादन किया जाता है। यहां से लगभग भारत का 8.7 प्रतिशत नमक का उत्पादन किया जाता है। सांभर झील में स्पाइरुलिना नामक शैवाल भी पाया जाता है।

बाणगंगा नदी

  • उद्गम- बैराठ की पहाड़ियों से
  • यह नदी जयपुर दौसा एवं भरतपुर से बहते हुए उत्तरप्रदेश में आगरा के समीप यमुना नदी में मिल जातीहैं
  • जयपुर में इस नदी पर जमवारामगढ़ बांध का निर्माण किया गया है।
  • इस नदी को ताला नदी, अर्जुन की गंगा एवं रूणिडत नदी के नाम से जाना जाता है।

मेन्था नदी – इस नदी का उद्गम जयपुर जिले के मनोहरथाना से होता है, जयपुर जिले में बहने के पश्चात् यह नागौर जिले में बहती हुई साम्भर झील में मिल जाती हैं।

साबी नदी – इस नदी का उद्गम जयपुर जिले की सेवर पहाड़ियों से होता है। यह नदी जयपुर, कोटपूतली एवं तिजारा से बहती हुई हरियाणा के गुड़गांव जिले में नजफरगढ़ के समीप पटौती में जाकर समाप्त होती है। यह नदी अलवर जिले की सबसे लम्बी नदी है।

जयपुर ग्रामीण जिले के दर्शनीय स्थल

इंदिरा गांधी का मंदिर – यह मंदिर अचरोल में स्थित है।

शीतला माता मंदिर

  • वाहन- गधा
  • पुजारी- कुम्हार जाति
  • शीतला माता का मंदिर शील डूंगरी चाकसू में स्थित है।
  • इस मंदिर का निर्माण सवाई माधोसिंह प्रथम के द्वारा करवाया गया था।
  • शीतला माता को चेचक तथा बास्योड़ा (Basoda) की देवी के रूप में जाना जाता है
  • चैत्र माह में शीतला अष्टमी यानी बास्योड़ा के अवसर पर यहां दो दिवसीय लक्खी मेला लगता है।

नई नाथ का मदिंर – यह मंदिर बस्सी जयपुर में स्थित है।

ज्वाला माता मदिंर – यह मंदिर जोबनेर जयपुर में स्थित है।

मालेश्वर महादेव मदिंर – यह सामोद में स्थित है।

  • सामोद में राज्य का चौथा रोप वे स्थित है।
  • यहां पर सामोद के महल है।
  • सात बहिनों का मंदिर स्थित है।
  • सामोद का दुर्ग, चौमूं का दुर्ग इनकी नीव करणसिंह नाथावत ने रखी थी।

जगत शिरोमणि मंदिर –   इस मंदिर का निर्माण मानसिहं की पत्नी कनकावती ने करवाया था। इस मंदिर को मिरा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में कृष्ण की काले पत्थर की प्रतिमा स्थित है।

जमवाय माता मदिंर – यह मंदिर जमवारामगढ़ में स्थित है, जमवाय माता कच्छवाहा राजवंश की कुलदेवी है।

  • रामगढ़ को ढुंढाड़ का पुष्कर कहते हैं।
  • गुलाब की खेती की जाती है।

शाकम्भरी माता का मदिंर – यह मंदिर सांभर में स्थित है एवं यहां पर भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को मेला लगता है।

जयपुर ग्रामीण जिला विविध तथ्य

नलियासर सभ्यता – दयाराम साहनी द्वारा वर्ष 1936 से 1938 में इस सभ्यता की खोज की गई थी। यहाँ से काँसे के कड़े तथा 105 कुषाणकालीन मुद्राएँ मिली हैं।

बस्सी – बस्सी में राज्य का पहला चलित न्यायालय, फ्रोजन सीमन बैंक, गोवंश संवर्धन फार्म, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस ऑफ़ (जैतून, ड्रैगन फ्रूट्स) स्थित है।

आंधी गाँव – राजस्थान का पहला जीरो वेस्ट विलेज

नायला गाँव – राजस्थान का पहला इंटरनेट से जुड़ने वाला गांव

आमेर – बजट वर्ष 2023-24 में आमेर को आईकॉनिक डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई है।

  • हाथी गाँव- देश का पहला व दुनिया का तीसरा हाथी गाँव
  • यहां पर हाथी महोत्सव मनाया जाता है।

जोबनेर

  • यहां पर श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय स्थित है।
  • यहां पर बजट 2023-24 में राज्य की दूसरी वेटरनरी विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की गई है।

फुलेरा – यहां पर एशिया का सबसे बड़ा मीटर गेज यार्ड स्थित है।

मुहाना – यहां पर राजस्थान की सबसे बड़ी सब्जी मंडी स्थित है।

चौंप गाँव – यहां पर अनिल अग्रवाल क्रिकेट स्टेडियम बनाया जा रहा है। जो राजस्थान का सबसे बड़ा, भारत का दूसरा एवं विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम होगा।

राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व

हीरालाल शास्त्री

  • जन्म 24 नवम्बर 1899 में जोबनेर, जयपुर में हुआ।
  • राजस्थान के प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री
  • स्थापना -वनस्थली विद्यापीठ
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