सर्वनाम

संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।

जैसे: तुम, हम, आप, उसका, आदि I

सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं । सर्वनाम 2 शब्दों का योग से बना है सर्व + नाम,  इसका यह अर्थ है कि जो शब्द, नाम ( संज्ञा ) शब्द के स्थान पर प्रयुक्त होता है उसे सर्वनाम कहते हैं ।

उदाहरण:

गणेश कल उदयपुर जाएगा । यहाँ गणेश संज्ञा शब्द हैं

वह कल उदयपुर जाएगा । यहाँ संज्ञा ( गणेश – नाम ) के स्थान पर वह शब्द प्रयोग हुआ हैं अतः यहाँ ‘’वह’’ शब्द सर्वनाम शब्द हैं ।

अन्य शब्दों में समझें तो सर्वनाम उन शब्दों को कहा जाता है, जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि,के नाम के स्थान पर करते हैं। इसमें मैं, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, इस, उस, यह, वह, हम, हमारा ,आदि शब्द आते हैं।

सर्वनाम के 6  भेद हैं

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक (संकेतवाचक) सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. संबंधवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम

पुरुषवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम जो  बोलने वाले (उत्तम पुरुष) ,  सुनने वाले (मध्यम पुरुष)  और  जिसके बारे में बात की जाये (अन्य पुरुष ) के लिए आता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे : उसने, वह, मैं, तुम, उस आदि।

उदाहरण : मुझे पता था कि कल तुम घर जाओगी।

पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते है:

  1. उत्तम पुरुष
  2. मध्यम पुरुष
  3. अन्य पुरुष

उत्तम पुरुष

कारकएकवचनबहुवचन
कर्तामैंहम
कर्ममुझे/ मुझकोहमें /हमको
संबंधमेरा /मेरेहमारा/ हमारे
मेरीहमारी

मध्यम पुरुष

कारकएकवचनबहुवचन
कर्तातूतुम
कर्मतुझे /तुझकोतुम्हें/ तुमको
संबंधतेरा/ तेरेतुम्हारा
तेरीतुम्हारे/ तुम्हारी

अन्य पुरुष

कारकएकवचनबहुवचन
कर्तायह /वहये / वे
कर्मइसे / इसको/उसे/उसकोइन्हें /इनको/ उन्हें /उनको
संबंधइसका/ उसका /इसके /उसकेइनका/ उनका /इनके/उनके
इसकी / उसकीइनकी/ उनकी

निश्चयवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम में पास या दूर किसी व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत का बोध हो वह निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाता है। क्योंकि ये संकेत करता है इसलिए इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। जैसे

  1. यह मेरी पेंसिल है।
  2. यह मीना की ड्रेस है, वह सीता की ड्रेस है।
  3. वह घर बहुत दूर है।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति या पदार्थ का बोध नहीं होता हो उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे :

  1. बाहर कोई है।
  2. मुझे कुछ नहीं मिला।
  3. किसी ने मुझे फोन किया पता नहीं कौन था।
  4. कोई दरवाजा बजाकर चला गया।

कोई, कुछ, किसी आदि सर्वनाम शब्द आने पर ज्यादातर अनिश्चयवाचक सर्वनाम होता है तो यह ध्यान रखें।

संबंधवाचक सर्वनाम

संज्ञा के स्थान पर आने वाले जिन दो सर्वनाम शब्दों से संबंध का भाव प्रकट होता है उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे:

तुमनें जो कार मांगी थी, यह वही कार है।

जिसकी लाठी उसकी भैंस

तुम जो बोलोगे मैं वैसा ही करूँगा।

जो करेगा सो भरेगा

प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों से किसी प्रश्न का बोध होता है उसे उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे:

तुम कौन हो ?

तुम्हें क्या चाहिए ?

तुम यहां कब आयी ?

वहां कौन गिरा था ?

यहां क्या रखा है ?

निजवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम तीनों पुरुष (उत्तम, मध्यम और अन्य) में अपना होने की अवस्था या भाव ( अपनापन निजता ) का वह निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे:

आप अपना काम खुद कर लेना।

मैं अकेला ही कार साफ़ कर लूंगा।

वह स्वयं स्कूटी से स्कूल चली जाती है।

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