नीति आयोग
पृष्ठभूमि –
– आजादी के बाद हमारे देश ने सोवियत संघ के समाजवादी शासन की संरचना को अपनाया, जिसमें योजनाएँ (पंचवर्षीय तथा एकवर्षीय योजनाएँ) बनाकर काम किया जाता था।
– इन योजनाओं को लागू करने के लिए योजना आयोग का गठन किया गया था, मगर वर्तमान समय की जरूरतों को देखते हुये योजना आयोग निष्क्रिय हो गया था|
– इसी योजना आयोग के स्थान पर 1 जनवरी, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक संकल्प पर नीति आयोग (NITI: National Institution for Transforming India) का गठन किया गया।
– नीति आयोग में सहकारी संघवाद की भावना को केंद्र में रखा गया है।
नीति आयोग की संरचना-
– अध्यक्ष- प्रधानमंत्री
– उपाध्यक्ष- प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त
– मुख्य कार्यकारी अधिकारी- भारत सरकार का सचिव जिसे प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है।
– शासकीय परिषद्–
1. सभी राज्यों के मुख्यमंत्री
2. केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री या उपराज्यपाल।
– क्षेत्रीय परिषद्-
1. विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिये इसका गठन किया जाता है।
2. इसकी अध्यक्षता उपाध्यक्ष करता है।
– अंशकालिक सदस्य- अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 पदेन सदस्य।
– पदेन सदस्य- प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद् के अधिकतम चार सदस्य।
– विशेष आमंत्रित- प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ।
योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग के गठन का कारण-
– वर्तमान में भारत में तीव्र गति से राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी बदलाव हो रहा है जिसके कारण योजना आयोग इतना सक्रिय नहीं रहा था। अत: इसकी स्थापना करना जरूरी था।
– वर्तमान समय में भारत की विश्व स्तर पर साख बढ़ी है जिसका परिणाम है कि भारत को एक अग्रगामी थिंक टैंक की जरूरत महसूस हुई।
– योजना आयोग योजनाओं के लागू करने के संदर्भ में शीर्ष से तल के आधार पर कार्य करता था अत: योजनाओं का लाभ निम्न स्तर तक नहीं पहुँच पाता था। परिणामत: इस आयोग के स्थान पर नीति आयोग का गठन किया गया।
– भारत में विविधता वाली स्थिति के कारण एक समान रूप से किसी योजना को लागू नहीं किया जा सकता है, जबकि योजना आयोग की कार्य शैली इसी प्रकार की थी। अत: नीति आयोग का गठन किया गया।
नीति आयोग की स्थापना का उद्देश्य-
– नियोजन में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना।
– राज्यों के साथ-साथ केन्द्र शासित प्रदेशों की नियोजन में सहभागिता।
– उद्योगपति, विषय विशेषज्ञों एवं देश-विदेश के मर्मज्ञ विद्वानों की वैचारिक सहभागिता।
– जनता एवं राज्यों की आवश्यकतानुसार नियोजन।
– राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा एवं ऊर्जा सुरक्षा के लिए नियोजन में प्राथमिकता।
– राष्ट्रीय योजना निर्माण में राष्ट्रीय एजेंडा के साथ-साथ राज्यों के एजेंडे को यथोचित महत्त्व।
– ग्राम स्तर पर विकास योजना का प्रभावी तन्त्र निर्मित किया जाना।
– वंचित व पिछड़े वर्गों के लिए विशेष रणनीति व तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाना।
नीति आयोग के हब-
– नीति आयोग के दो हब हैं-
1. टीम इंडिया हब
2. ज्ञान और नवोन्मेष (Knowledge & Innovation) हब
योजना आयोग व नीति आयोग में अंतर –
योजना आयोग | नीति आयोग |
योजना निर्माण करना | थिंक टैंक के रूप में कार्य करना |
परियोजनाओं को वित्त आवंटन करना | वित्त मंत्रालय द्वारा आवंटन |
आयोग की प्रकृति केंद्रीकरण की | सहकारी संघवाद की प्रकृति |
विकास की प्रक्रिया ऊपर से नीचे की ओर (UP – Bottom) | विकास की प्रक्रिया नीचे से ऊपर की ओर |
राज्यों के बीच विवाद निपटान हेतु संगठन का अभाव | क्षेत्रीय परिषदों का गठन |
सचिव की नियुक्ति | CEO की नियुक्ति |
पंचवर्षीय योजनाएँ बनाना | 15 वर्षीय विजन, 7 वर्षीयरणनीति तथा 3 वर्षीय एक्शन प्लान बनाए। |
नीति आयोग के नवाचार –
- स्वास्थ्य सुधार सूचकांक 2.0 – 2019 –
- जल प्रबन्धन सूचकांक 2.0 – 2019
- S.D.G. India Index – 2020-21
- भारत नवाचार सूचकांक 2020
- अभिनव भारत कार्यनीति a 75
नोट –
- NDA (एनडीए) सरकार के द्वारा योजना आयोग को नीति आयोग में बदल दिया गया, जिसका कार्य नीतियाँ बनाना हैं। तथा इसका उद्देश्य 15 वर्षीय विजन, 7 वर्षीय रणनीति तथा 3 वर्षीय एक्शन प्लान बनाना है।
वर्तमान में नीति आयोग की संरचना –
अध्यक्ष – श्री नरेन्द्र मोदी, माननीय प्रधान मंत्री
उपाध्यक्ष – डॉ. राजीव कुमार
पूर्णकालिक सदस्य –
- श्री वी.के. सारस्वत
- प्रो. रमेश चंद
- डॉ. वी.के. पॉल
पदेन सदस्य –
1. श्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
2. श्री अमित शाह, गृह मंत्री
3. श्रीमती निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री और कॉरपोरेट कार्य मंत्री
4. श्री नरेन्द्र सिंह तोमर; कृषि और किसान कल्याण मंत्री; ग्रामीण विकास मंत्री; पंचायती राज मंत्री।
विशेष आमंत्रित सदस्य –
1. श्री नितिन जयराम गडकरी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री; सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री
2. श्री थावर चंद गहलोत, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
3. श्री पीयूष गोयल, रेल मंत्री; तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री
4. श्री राव इंद्रजीत सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय तथा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) योजना मंत्रालय
मुख्य कार्यकारी अधिकारी – श्री अमिताभ कांत
निष्कर्ष-
– नीति आयोग की स्थापना भारतीय नियोजन एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था में उचित समय पर उठाया गया सही कदम है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बड़ा है। आंतरिक समस्याएँ, जैसे-बेरोजगारी, औद्योगिक विकास, बढ़ती जनसंख्या के लिए प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति आदि एक स्थायी, सतत एवं कारगर समाधान चाहती हैं। उदारीकरण एवं वैश्वीकरण के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है, जिसके लिए प्रभावी व्यापारिक रणनीति की अविलंब आवश्यकता है। नीति आयोग का उद्देश्य इन्हीं चुनौतियों का सामना करना है।