मल्लीनाथ जी
- जन्म – 1358 ई., पिता का नाम – राव सलखा (मारवाड़ के राजा), दादा – रावतीड़ा, माता का नाम – जाणीदे।
- खिराज नहीं देने के कारण 1378 ई. में मालवा के सूबेदार निजामुद्दीन व फिरोजशाह तुगलक की संयुक्त सेना की तेरह टुकड़ियों ने मल्लीनाथ जी पर हमला कर दिया और मल्लीनाथ जी ने इन्हें हराकर अपनी पद व प्रतिष्ठा में वृद्धि की।
- प्रतिवर्ष इनकी याद में चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ला एकादशी तक तिलवाड़ा (बाड़मेर) में मल्लीनाथ पशु मेला आयोजित होता है, जहाँ पर मल्लीनाथ जी का प्रमुख मंदिर भी है।
- यहाँ तिलवाड़ा के पास ही मालाजाल गाँव में मल्लीनाथ जी की पत्नी रूपादे का मन्दिर है।
- गुरु – उगमसी भाटी (पत्नी रुपादे की प्रेरणा से मल्लीनाथ जी उगमसी भाटी के शिष्य बने)।