मारवाड़ के अजित सिंह , जयपुर के सवाई जयसिंह , तथा मेवाड़ के अमर सिंह द्वितीय के मध्य देबारी नामक स्थान पर देबारी समझौता हुआ | जिसमे अजीतसिंह को मारवाड़ का राजा , जयसिंह को आमेर का राजा तथा अमर सिंह द्वितीय की पुत्री चंद्रकुंवरी की शादी आमेर के जयसिंह के साथ इस शर्त पर की इनसे उत्पन्न संतान को आमेर का उत्तराधिकारी घोसित करने की सहमति हुई |
सवाई जयसिंह ने 1708 ई में चंदरकुंवरि से विवाह किया इस शर्त पर परन्तु उससे पहले 1722 में जयसिंह की खींची रानी सूरज कवर के ईस्वर सिंह उत्पन्न हुआ | बड़ा होने के कारण आमेर का शासक ईश्वर सिंह को बनाना था |
चंद्रकुँवरि का पुत्र माधो सिंह था | माधो सिंह तथा ईश्वर सिंह के बिच संघर्ष निश्चित हो गया | संघर्ष रोकने के लिए जय सिंह ने 1729 में महाराणा संग्राम सिंह के रामपुरा का पट्टा माधो सिंह की करवा दिया |
जय सिंह की मृत्यु के बाद 1734 में ईश्वर सिंह आमेर का शासक बना | माधोसिंह रामपुरा की जागीर से असंतुस्ट होकर 1708 की शर्तो के आधार पर आमेर की गद्दी पर दावा रखा | इस प्रकार ईश्वर सिंह तथा माधो सिंह के बिच विवाद उत्पन्न हुआ |
जिसके तहत राजमहल (टोंक ) तथा बगरू का युद्ध हुआ |
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