अनुसूचियाँ

संविधान की अनुसूचियाँ
अनुसूचियाँविषयसंबद्ध अनुच्छेद
प्रथम अनुसूची1. राज्यों के नाम एवं उनके  राज्यक्षेत्र2. संघ राज्यक्षेत्रों के नाम और उनकी सीमाएँअनुच्छेद 1 तथा 4
दूसरी अनूसूचीनिम्नलिखित पदाधिकारियों के वेतन, भत्तों  तथा पेंशन आदि से जुड़े प्रावधान(i) भारत का राष्ट्रपति(ii) राज्यों का राज्यपाल(iii) लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष(iv) राज्यसभा के सभापति और उप-सभापति(v) राज्य विधानसभाओं के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष(vi) राज्य विधानपरिषदों के सभापति और उप-सभापति(vii) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश(viii) उच्च न्यायालय क नयायधीश(ix) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक अनुच्छेद 59 (3), 65 (3), 75 (6), 97,125,148 (3),158 (3), 164 (5), 186 एवं 221
तीसरी अनुसूचीइसमें निम्नलिखित पदाधिकारियों तथा प्रत्याशियों द्वारा ली जाने वाली शपथों या प्रतिज्ञानों के प्रारूप में दिए गए हैं।(i) संघ के मंत्री(ii) संसद के चुनावों के प्रत्याशी(iii) संसद के सदस्य(iv) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश(v) भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक(vi) राज्यों के मंत्री(vii) राज्य विधानमंडल के चुनावों के प्रत्याशी(viii) राज्य विधानमंडल के सदस्य(ix) उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशअनुच्छेद 75 (4), 84 (क), 99, 124 (6), 148 (2), 164 (3), 173 (क), 188 एवं 219
चौथी अनुसूचीराज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों के लिए  राज्यसभा में स्थानों का आवंटनअनुच्छेद 80 (2)
पाँचवीं अनुसूचीअनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन तथा नियंत्रण से जुड़े प्रावधान।अनुच्छेद 244 (1)
छठी अनूसूचीअसम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध।अनुच्छेद 244 (2) एवं 275 (1)
सातवीं अनुसूचीसंघ –सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती-सूची में शामिल विषय। (मूल संविधान में इन सूचियों में क्रमश: 97, 66 तथा 47 विषय थे, पर अब 97 (संघ-सूची), 61  (राज्य सूची) तथा 52 (समवर्ती-सूची) विषय हैं।अनुच्छेद 246
आठवीं अनुसूचीसंविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची। वर्तमान में ये 22 भाषाएँ हैं जो मूल संविधान में 14 थीं। ये भाषाएँ हैं-असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू।21वें संविधान संशोधन अधिनियम 1967 के द्वारा सिंधी (15वीं) भाषा को शामिल किया गया।71वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा नेपाली, मणिपुरी एवं कोंकणी भाषा शामिल की गई।91वें संविधान संशोधन अधिनियम 2003 के द्वारा बोडो, डोगरी, मैथिली एवं संथाली भाषा को शामिल किया गया।अनुच्छेद 344(1) एवं 351
नौवीं अनुसूचीइस अनुसूची को पहले संविधान संशोधन अधिनियम (1951) द्वारा जोड़ा गया था। इसका उद्देश्य यह था कि भूमि सुधारों तथा ज़मींदारी उन्मूलन के लिए बनाए जाने वाले अधिनियमों, नियमों, विनियमों आदि को न्यायालय के पुनर्विलोकन की शक्ति से बाहर किया जा सके। इसमें वर्तमान में 284 प्रविष्टियाँ हैं जो कई संविधान संशोधनों द्वारा शामिल की गई हैं।सर्वोच्च न्यायालय ने ‘वामन राव’ के मामले (1981) में यह स्पष्ट कर दिया है कि 24 अप्रैल, 1973 (केशवानंद भारती मामले के निर्णय की तिथि) के बाद नौवीं अनुसूची में शामिल किये जाने वाले अधिनियमों आदि की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है।अनुच्छेद 31(ख)
दसवीं अनुसूचीइसमें दल-बदल के आधार पर संसद और विधानसभा के सदस्यों की निरर्हता से संबंधित उपबंध हैं। इस अनुसूची को 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था। 91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा इसमें संशोधन भी किया गया है। इसे ‘दल-बदल विरोधी कानून’ भी कहा जाता है।अनुच्छेद 102(2) एवं 191(2)
ग्यारहवीं अनुसूचीइसमें पंचायतों की शक्तियाँ व ज़िम्मेदारियाँ बताई गई हैं। इसमें 29 विषय हैं। इस अनुसूची को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।अनुच्छेद 243(छ)
बारहवीं अनुसूचीइसमें नगरपालिकाओं की शक्तियाँ व जिम्मेदारियाँ बताई गई हैं। इसमें 18 विषय हैं। इस अनुसूची को 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।अनुच्छेद 243(ब)

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